Haryana में निजी स्कूलों को 134-A के तहत विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए लंबी प्रतीक्षा के बाद मिलेंगे 38.62 करोड़ रुपये का प्रतिपूर्ति राशि

Haryana सरकार ने आखिरकार निजी स्कूलों को 134-A नियम के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए 2017 से 2022 तक के लिए 38 करोड़ 62 लाख रुपये का प्रतिपूर्ति राशि जारी कर दी है। इससे 1555 निजी स्कूलों को फायदा होगा जो कक्षा 2 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। इस राशि के जारी होने के बाद अब स्कूलों को यह प्रतिपूर्ति राशि जल्दी ही मिल जाएगी।
इसके साथ ही, सरकार ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए ‘मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009’ के तहत फीस की प्रतिपूर्ति के लिए पोर्टल भी फिर से खोला है। इसके तहत आवेदन की अंतिम तिथि 23 जनवरी से बढ़ाकर 9 फरवरी कर दी गई है।
कक्षा 2 से 8 तक के छात्रों को मिलेगा लाभ
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरियाणा ने कक्षा 2 से 8 तक के छात्रों के लिए प्रतिपूर्ति राशि जारी होने पर खुशी जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यानंद कंडू ने कहा कि सरकार को कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए भी तुरंत प्रतिपूर्ति राशि जारी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि निजी स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को 2015-16 से लेकर वर्तमान शैक्षणिक सत्र तक मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने अब तक यह तय नहीं किया है कि इन स्कूलों को कितनी राशि प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी।
सत्यानंद कंडू ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि कक्षा 9 से 12 तक के लिए प्रतिपूर्ति राशि निर्धारित की जाए और इसके लिए एक पोर्टल खोला जाए ताकि ऑनलाइन आवेदन किए जा सकें। साथ ही, उन्होंने चिराग योजना और आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत मिलने वाली राशि के बारे में भी सरकार से विशेष ध्यान देने की अपील की।
नई शिक्षा नीति पर जोर
इस बीच, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में सभी संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नई शिक्षा नीति को लागू करने पर जोर दिया गया। रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि सभी कॉलेजों को इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ना होगा।
बैठक के दौरान शैक्षिक गुणवत्ता, छात्रों के समग्र विकास, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले बदलावों, और सुधारों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही, शैक्षिक पद्धति में सुधार, छात्रों की प्रदर्शन क्षमता, पाठ्यक्रम में नवाचार, परीक्षा पद्धति और वित्तीय समस्याओं पर भी विचार किया गया।
रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेजों की प्रगति में आने वाली सभी समस्याओं को जल्दी ही विश्वविद्यालय द्वारा हल कर लिया जाएगा।
बैठक में डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर विशाल वर्मा, प्रोफेसर आनंद कुमार, सतिश काजला, डॉ. नीरज, और सीमा दहिया भी उपस्थित थे।
हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलाव
हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं। सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। ‘मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार’ (आरटीई) और ‘चिराग योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है।
इसके अलावा, नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) का भी राज्य में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है, ताकि छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके और वे देश और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
इसके साथ ही, निजी स्कूलों को भी सरकारी स्कूलों के समान सुविधाएं और सहायता प्रदान करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इस कदम से छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी और स्कूलों को भी अपने कार्यों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
निजी स्कूलों की भूमिका
हरियाणा के निजी स्कूलों का शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है। ये स्कूल न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के अन्य पहलुओं में भी बेहतर ढंग से प्रशिक्षित कर रहे हैं। हालांकि, सरकारी सहायता के बिना निजी स्कूलों के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
लेकिन सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति राशि जारी करने के बाद इन स्कूलों की स्थिति मजबूत होगी, जिससे वे अपनी सेवाएं और भी बेहतर तरीके से प्रदान कर सकेंगे। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है, और इससे हरियाणा में शिक्षा का स्तर और अधिक ऊंचा होगा।
हरियाणा सरकार द्वारा निजी स्कूलों को प्रतिपूर्ति राशि जारी करने से न केवल स्कूलों को राहत मिलेगी, बल्कि गरीब बच्चों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, शिक्षा नीति में सुधार और निजी स्कूलों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने की दिशा में उठाए गए कदम राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाते हैं। यह कदम हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा।